Saturday, April 14, 2012

गुमशुदा!!!

एक लड़की की हमें तलाश है...
जो कहाँ खो गयी है पता नहीं...
तस्वीर उसकी भले ना हो,
पर इतनी भी वो आम नहीं...


वो है किसीकी नन्ही बिटिया...
जिसकी खिलखिलाती हंसी उनकी सुबह सजाती है.
जिसके कदमो की चंचल आहट उनका घर-आँगन मेहकाती है.
जिसकी आँखों की नमी उन सबको दहला जाती है.
और जिस अकेली की मायूसी सब कुछ वीरान कर जाती है.

वो है किसीकी प्यारी बहना...
जिसकी ख़ुशी की खातिर वो खुद बच्चा बन जाता है.
जिसको गर खरोच भी आये तो आंसू उसको आता है.
जिसकी जिद्द उसके लिए बस फरमान बन जाता है.
जिसे अगर कोई रुला जाये, वो उसका दुश्मन बन जाता है.

वो है किसीकी सहेली...
जिस से मिले बिना वो खुद को तनहा पाती है.
जिसकी खुशियो की बातें सुनके वो अपने दुःख भूल जाती है.
जिस से बात वो न करे तो बस गुमसुम सी रह जाती है.
जिसकी दोस्ती को वो उपरवाले की रहमत मानती है.

वो है किसीका ख्वाब...
जिसकी पायल की झंकार पर उसका जहां रुक जाता है.
जिसकी जुल्फों की घटा से उठा घना बादल उसको भिगा जाता है.
जिसकी एक मुस्कान के लिए वो अपना सब कुछ लुटा जाता है.
जिसकी जुबां पे आया हर लफ्ज़ उसकी सरगम  बन जाता है.

वो माँ उसे तलाश रही है, जिसकी आँखों का वो बेटी तारा है!
वो भाई उसे तलाश रहा है, जिसके स्नेह का वो पिटारा है!
वो सहेली उसे तलाश रही है, जिसके सुख दुःख की वो साथी है!
वो आँखे उसे तलाश रही है, जिसमे रोज़ बन ख्वाब वो आती है!

क्या आपने उसे कहीं देखा है?

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